
मुस्कान से लिपटीं
खुशियाँ
जिसमें बेफ़िक्री है,
उन्माद है, एक अल्हड़पन
भी है,
को पाने के लिए
तुझपर
न्योछावर कर सकता हूँ
सबकुछ अपना,
बन सकता हूँ
अलमस्त फ़क़ीर,
ज़ी सकता हूँ सिर्फ
तेरी इस तिलिस्म-सी
मुस्कान के सहारे,
चूका सकता हूँ
इस मंदिम मुस्कान
की क़ीमत
बेचकर सब कुछ अपना ,
बन सकता हूँ कर्जदार
जीवन भर तेरा
सिर्फ़ मुर्छित कर देने वाली
तेरी इस मुस्कान पर
द्वारा- नीरज 'थिंकर'