ठिठुरन पैदा कर देने
वाली सर्दी में भी
उसका,
सिर्फ कंधो तक ही
चादर को ओढना,
ऐसा नहीं है कि
उसे ठण्ड नहीं लगती है
इसका अंदाजा उसके
दोनों हाथों का जेब में
निरंतर सिकुड़ते हुए रहने से
बख़ूबी लगाया जा सकता है,
पर
बस उसे खुले बालों में
रहना अच्छा लगता है,
और साथ ही
लोगों को इस कड़ाके की
ठण्ड में
घायल करना भी |
द्वारा - नीरज 'थिंकर'
वाली सर्दी में भी
उसका,
सिर्फ कंधो तक ही
चादर को ओढना,
ऐसा नहीं है कि
उसे ठण्ड नहीं लगती है
इसका अंदाजा उसके
दोनों हाथों का जेब में
निरंतर सिकुड़ते हुए रहने से
बख़ूबी लगाया जा सकता है,
पर
बस उसे खुले बालों में
रहना अच्छा लगता है,
और साथ ही
लोगों को इस कड़ाके की
ठण्ड में
घायल करना भी |
द्वारा - नीरज 'थिंकर'
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