Thursday, 7 May 2020

ख़ामोशी

ख़ामोश हूँ मैं
चुप वो भी है,
शिकायत थोड़ी
उनसे हमें भी है
थोड़ी हमसे
उन्हें भी है,
इंतजार हम भी
करते है उनका
इंतजार वो भी
करते है हमारा,
बातें याद करके
पुरानी
वो भी रोते है
तो
कभी हम भी,
चेहरा उनका 
दिल में मेरे
मेरा दिल में उनकें 
आज भी ज़िंदा है,
पल जो बीते
सुनहरे साथ उनकें
ताज़ा आँखों में मेरी
आज भी है,
बात करने को
बेताब उनकीं आँखें
बया करती कहानी
सबकुछ तस्वीरों में
जीवित आज भी है,
कौन करें शुरुआत
फिर से
हिचक थोड़ी उन्हें
भी है,
थोड़ी हमें भी है ,
इश्क़ उनसे थोड़ा
मुझें आज भी है !!

द्वारा - नीरज 'थिंकर' 

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