वो शहर से
दो दिन के लिए
बाहर था,
शायद किसी दूसरे
शहर में
हो रही सेना की भर्ती में
दोड़ने गया हुआ था,
यें दो दिन उसकी
माशूक़ा के लिए
दो बरस से बीतें,
प्रेमी के शहर आने
से पहले ही
वो घंटो पहले
स्टेशन पर जाकर
उसका इंतज़ार
करने लग गयी,
माशूक़ के ट्रेन से
उतरते ही वो उससे
लिपट पड़ी
गोया
उसे इन दो दिनों में
जुदाई का एहसास
हो गया हो
और वो अब मानो
एक क्षण के लिए भी
उसे दूर नहीं जाने
देना चाहती हो !
द्वारा- नीरज 'थिंकर'
दो दिन के लिए
बाहर था,
शायद किसी दूसरे
शहर में
हो रही सेना की भर्ती में
दोड़ने गया हुआ था,
यें दो दिन उसकी
माशूक़ा के लिए
दो बरस से बीतें,
प्रेमी के शहर आने
से पहले ही
वो घंटो पहले
स्टेशन पर जाकर
उसका इंतज़ार
करने लग गयी,
माशूक़ के ट्रेन से
उतरते ही वो उससे
लिपट पड़ी
गोया
उसे इन दो दिनों में
जुदाई का एहसास
हो गया हो
और वो अब मानो
एक क्षण के लिए भी
उसे दूर नहीं जाने
देना चाहती हो !
द्वारा- नीरज 'थिंकर'
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