Wednesday 18 March 2020

तिल - तेरी आँख के किनारे का

तेरी आँख के 
किनारें पर जो 
एक तिल है 
छोटा-सा 
उसकी याद 
कभी-कभी 
अनायास ही 
आ जाती है मुझें,
सोते हुए 
सपने बुनते हुए 
यें तिल पंख लगा 
कर उड़ता है 
संग मेरे,
यें तिल मुस्कुराता-सा 
दिल बाग़-बाग़ करता है 
एक मनोरम संसार भी 
रचता है,
यें तिल मुझें 
तेरा साथ होने का 
एहसास दिलाता है ,
हाँ, तेरा यें तिल 
मुझे बहुत सुहाता है ||

द्वारा - नीरज 'थिंकर' 

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