तेरी आँख के
किनारें पर जो
एक तिल है
छोटा-सा
उसकी याद
कभी-कभी
अनायास ही
आ जाती है मुझें,
सोते हुए
सपने बुनते हुए
यें तिल पंख लगा
कर उड़ता है
संग मेरे,
यें तिल मुस्कुराता-सा
दिल बाग़-बाग़ करता है
एक मनोरम संसार भी
रचता है,
यें तिल मुझें
तेरा साथ होने का
एहसास दिलाता है ,
हाँ, तेरा यें तिल
मुझे बहुत सुहाता है ||
द्वारा - नीरज 'थिंकर'
किनारें पर जो
एक तिल है
छोटा-सा
उसकी याद
कभी-कभी
अनायास ही
आ जाती है मुझें,
सोते हुए
सपने बुनते हुए
यें तिल पंख लगा
कर उड़ता है
संग मेरे,
यें तिल मुस्कुराता-सा
दिल बाग़-बाग़ करता है
एक मनोरम संसार भी
रचता है,
यें तिल मुझें
तेरा साथ होने का
एहसास दिलाता है ,
हाँ, तेरा यें तिल
मुझे बहुत सुहाता है ||
द्वारा - नीरज 'थिंकर'
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