Friday 27 March 2020

नीला है जग सारा

नीला है आसमां 
नीली है यें दीवारे 
घर की मेरे,
नीले है आसमां से 
लिपटे यें तारे 
नीली है यें नजरें 
देखती है जो इन्हें,
नीली है यें जमीं 
इस पर चलने 
वाला हर 
शख्स है नीला,
सातों समुन्द्र है नीले
नीला है वो जहाज 
जो 
चलता है अंदर इसके,
नीले है ये बादल 
नीली है बूंदे
बरसती है जो इनसे,
 नीला है वो झंडा 
जिस पर लिखा है 
नारा जय भीम का,
बाबा साहब का कोट
नीला 
नीला है कलम कांशीराम का 
सावित्रीबाई की साड़ी नीली
नीली है किताब संविधान की,
नीला है खेत 
हल जोतने वाला
किसान भी नीला 
धान नीला 
इसे खाने वाला
इंसान नीला,
नीली है मेरी हर ख्वाहिसे 
नीली है मेरी सारी चाहते ....- 3

द्वारा - नीरज  'थिंकर'



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