क्या हालत होगी उस बच्चे की
छोड़ चली दामन जिसकी अपनी प्यारी माँ
प्यार भी न मिला होगा, आँचल का सुख भी
न भोग पाया होगा,
तब अचानक
चल बसी होगी जिसकी स्नेहशीलमयी माँ
हो गया होगा बेसहारा बेचारा, नहीं रहा होगा
जिसका कोई सहारा
रोता होगा दिनभर माँ की याद में अपनी
लेकिन
मिला न होगा आंसू पोंछने वाला कोई सहारा,
पुकारता होगा माँ को अपनी जहाँ में सारे
मिली न होगी लेकिन उसकी अपनी माँ
नयी माँ आयी भी होगी
तो
बन न सकी होगी उसकी माँ
दे न सकी होगी अपनी माँ-सा प्यार
फ़िर वे बेचारा पुकारने लगा होगा
अपनी माँ को फ़िर से आज
कितनी मुश्किल से बढ़ रहा होगा
शरीर उसका अपनी माँ की याद में
कट रहा होगा,
फ़िर भी वह इस दुनिया में
तमाम मुश्किलों का सामना कर रहा होगा,
माँ की ममता से अधूरा उसका जीवन
कैसे कट रहा होगा ?
माँ के आँचल में सोने का
मन उसका भी तो हो रहा होगा !!
माँ के पैर छूने का दिल
उसका भी तो करता होगा !!
द्वारा - नीरज 'थिंकर'
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