Sunday 10 May 2020

भैंस और मेरी माँ

मेरी माँ की सांसें 
उसकी भैंस में 
बसतीं थी,
मेरी माँ की भैंस 
कुछ दिन पहले ही
मर गयी,
माँ हर वक़्त रोतीं 
रहतीं है,
भैंस ने मरने से
कुछ दिन पहलें
एक बछड़े को 
जन्मा था,
माँ उसे हर वक़्त 
दुलारती है,
उसकी माँ तो लौटा
नहीं सकतीं है
पर 
उसे उसकी माँ-सा
प्यार-दुलार देने की
कोशिश करती रहती है
मेरी माँ 
हर वक़्त
भैंस के साथ बितायें 
पलों में
खोयीं-सी रहतीं है



द्वारा - नीरज 'थिंकर'

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