काश तू होती तो
मरीन ड्राइव की लहरे भी
दिल को छूती ,
ठंडी बयार है
और
मौसम भी मनमोहक है
पर वो
सुकून कहाँ है इसमें ?
किनारे पर जगमगाती
ये लाइटे
लहरों में जान भर रही है
फिर भी
तेरे बिन इस रात में
वो बात कहाँ है ?
ग़र
तू होती आज तो
यें रात कभी खत्म
नहीं होती ,
हँसी-मुस्कुराहट होती
जो
पल-पल मुझे घायल करती
और
यें लहरे भी
दिल को छूकर
एक सिहरन-सी पैदा करती
काश तू होती तो
यें रात और भी सुहानी लगती |
द्वारा - नीरज 'थिंकर'
मरीन ड्राइव की लहरे भी
दिल को छूती ,
ठंडी बयार है
और
मौसम भी मनमोहक है
पर वो
सुकून कहाँ है इसमें ?
किनारे पर जगमगाती
ये लाइटे
लहरों में जान भर रही है
फिर भी
तेरे बिन इस रात में
वो बात कहाँ है ?
ग़र
तू होती आज तो
यें रात कभी खत्म
नहीं होती ,
हँसी-मुस्कुराहट होती
जो
पल-पल मुझे घायल करती
और
यें लहरे भी
दिल को छूकर
एक सिहरन-सी पैदा करती
काश तू होती तो
यें रात और भी सुहानी लगती |
द्वारा - नीरज 'थिंकर'
No comments:
Post a Comment