Thursday 30 November 2017

कविता - तेरी याद

तेरी याद
यहाँ पर भी है 
इस सफ़र में ,
मुंबई के कार्टर बीच  पर 
बांद्रे की व्यस्त सड़को पर 
और 
समुंद्र की लहरों में 
ट्रेन की खिड़की से 
झांकते नजारों में ,
तू एक पल के लिए 
भी 
गायब नहीं होती 
मेरे ख्यालो से 
और 
तेरी याद 
हर पल साथ रहती है 
मेरे हर सफ़र में 
और 
इसी याद में 
सफ़र कब कट जाता 
पता ही नही चलता  है |

द्वारा - नीरज 'थिंकर'

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