तू चल
मैं भी चलूँ
तेरे साथ,
रुकेंगे न तब तक
जब तक होगी न शाम,
छाएगी न तब तक
काली घनघोर अँधेरी रात,
चलते ही जायेंगे
बिना रुके बे बात
छोड़ के सारा संसार ,
पेड़ो की झुरमुट व
आधी- अधूरी छांव में
चलते ही रहेंगे
गुनगुनाते ही रहेंगे ,
तेरे पीछे-पीछे
चलता ही जाऊंगा
जब तक तू न थकेगी
मैं भी न थकुंगा,
मेरे पांव चल पड़ेंगे
अपने आप ,
तू चल
मैं भी चलू
तेरे साथ |
द्वारा - नीरज 'थिंकर'
तेरे साथ,
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjlkxYrktnE_DU1yj9rrtDt7gftjAYdDR1pYyxC00WF8YNvn5kGIjvRP0t2A6JcGNRdBY8q8Hs0A2KGWi95nXinO-aUtU7I7BAh-UluTjcNVlXUMYPX6LXoG8VkGX1Vfwj61ueTDFMjx60/s400/artworks-000205419539-8j8a5u-t500x500.jpg)
जब तक होगी न शाम,
छाएगी न तब तक
काली घनघोर अँधेरी रात,
चलते ही जायेंगे
बिना रुके बे बात
छोड़ के सारा संसार ,
पेड़ो की झुरमुट व
आधी- अधूरी छांव में
चलते ही रहेंगे
गुनगुनाते ही रहेंगे ,
तेरे पीछे-पीछे
चलता ही जाऊंगा
जब तक तू न थकेगी
मैं भी न थकुंगा,
मेरे पांव चल पड़ेंगे
अपने आप ,
तू चल
मैं भी चलू
तेरे साथ |
द्वारा - नीरज 'थिंकर'