Saturday 20 July 2024

माही

तेरे चेहरे पे जो यें
मंद मुस्कान आती है
मैं निशब्द-सा हो जाता हूँ
मेरी साँसें ख़ामोश-सी
हो जाती है
मैं अनिमेष हो तुझे ही
देखता रह जाता हूँ,
तेरी आँखें जो खेलती है
मुझसे माही
मैं उनको छूने को आतुर
हो जाता हूँ,
तू जो कभी रूठती है
मुझसे जो माही
तुझे प्यार करने को
दिल और बैचैन हो उठता है
एक लम्बी, गहरी चुम्बन करने को
दिल करता है ,
तू जब भी दूर जाने की
बात करती है तो माही
मैं तेरे और पास
होने लगता हूँ ||

द्वारा - नीरज 'थिंकर'

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