Saturday 20 July 2024

एक ही तो जीवन था

एक  ही तो जीवन था
सिर्फ तेरे साथ जीने की
एक ही तो तमन्ना थी,
तेरा हाथ थामे बस 
चलते ही चले जाना था,
ज़्यादा कुछ माँगा था
सिर्फ तेरा साथ चाहा था
दुनिया की तमाम खुशियाँ
तेरे बिना अधूरी सी थी।
तेरा साथ मेरे जीवन की
हर ख़ुशी की चाबी थी
तेरे बिना ये जीवन
जैसे सूनी रात की बंसी थी।
दुनिया के हर रंग में
तेरे साथ रंगना चाहता था
हर पल तेरी हँसी में
अपनी खुशी पाना चाहता था।
मेरी ख़्वाहिशें छोटी थीं
पर दिल में मेरे 
ठाठ से बसी थीं
सपने मेरे सादे थे
अधूरे तेरे बिना 
तेरे से ही पूरे थे
एक ही तो जीवन मिला था
और अब वो भी तेरे बिना
कैसे जीऊँ इस जीवन को
मरणासन्न-सा है ये प्रिय तेरे बिना।
तेरे बिना ये जीवन
सपनों का टूटना है
हर ख़ुशी की तलाश में
तेरे बिना बस भटकना है।
काश तेरा साथ पाता
हर लम्हा तुझसे सजाता
तेरे बिना ये जीवन
बस अधूरा यहीं थम जाता।
तू थी मेरी मंज़िल
तू ही मेरा रास्ता थी
तेरे बिना ये सफ़र
जैसे बिन नक्शे की राह थी।
अब भी तेरी यादों में
हर पल मैं जीता हूँ
तेरे बिना इस जीवन को
कैसे मैं समझाऊँ?
तू ही थी मेरी धड़कन
तू ही मेरी साँसें थी
तेरे बिना ये जीवन
बस एक अधूरी कहानी सी थी।
एक ही तो जीवन था
सिर्फ तेरे साथ जीना था
अब तुझ बिन ये जीवन
सिर्फ एक सपना अधूरा सा


----नीरज माही

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