Friday, 3 April 2020

ये आग

ये आग क्यों दहक रही है ?
नज़ारे क्यों खामोश है ?
ये लोग क्यों जा रहे है
लिए आँखों में ज्वाला अपनी ?
ये जो कोहरा छाया हुआ है
सब कुछ इसमें समाया हुआ है ,
क्यों कहीं कोई प्यार नजर नहीं
आ रहा है ?
हर तरफ अन्धकार छा रहा है,
लोगो के चेहरे पर जो
ये आक्रोश नज़र आ रहा है
रंगबिरंगे इस शहर में
नफरत घोलता जा रहा है ,
सबको क्या हो गया है ये ?
हाथ में लिए हथियार सभी
किस ओर जा रहे है ?

द्वारा - नीरज 'थिंकर' 

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