Thursday, 23 April 2020

कभी- कभी

हर दम नहीं
लेकिन
कभी-कभी उसकी
कुछ बातें याद
आती है,
उसका काम करते
हुए बीच-बीच में
मुझे देखकर
एक जन्नत-सी मुस्कान
के संग आँखे मूँदना,
जैसे मेरी आदतों
का मज़ाक़ बनाना
और फिर
अंत में कहना कि
उसे मुझमें सब कुछ
अच्छा लगता है
बस मेरा ग़ुस्सा नहीं !!

द्वारा - नीरज 'थिंकर' 

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