Sunday, 19 April 2020

आख़िरी रात

यें रात आख़िरी है
जब 
मैं इस तरह 
हो मुक्त भविष्य की चिंताओं 
से तमाम , 
दोस्तों के संग बैठकर 
बेफ़िक्री से 
मय का प्याला 
पी रहा हूँ ,
ये रात फिर 
इस तरह ख़ुशनुमा 
होगी
संदेह है !
फिर कभी 
मैं इस तरह बेफिक्र 
हो पाउँगा 
यें कहना मुश्किल है..
पर हाँ 
एक आशा के साथ 
मैं,एक मय का प्याला 
और पीकर 
उस वक़्त के लिए 
अभी से बेफ़िक्र  
हो जाना चाहता हूँ !!

द्वारा - नीरज 'थिंकर' 

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