Friday 24 April 2020

सूर्य की किरणें और तुम्हारी हंसी


तुम्हारी हंसी
सूर्य की किरणों
की माफ़िक
शुद्ध व सुन्दर है,
जब भी यें किरणे
खिड़की से होती हुयी
मेरे चेहरे पर आती है
तब सिर्फ़
तुम्हारी हंसी
याद आती है,
जैसे सूर्य की किरणे
छनकर सुनहरी
हो जाती है
बिलकुल वैसे ही
तुम्हारी हंसी भी
जुल्फों से छनकर
और अधिक
मनोरम हो जाती है,
किरणों की भांति
तुम्हारी हंसी
ऊर्जा का संचार
तो करती ही है
पर यें मुझमें
एक नयी जान भी
भरती है,
सच कहूं तो माही
तुम्हारी हंसी
हर ख्वाब पूरा करने की
ताकत रखती है !!

द्वारा - नीरज 'थिंकर' 

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