कितना कठिन होता
है ना ?
किसी का पास होकर
भी
पास ना होना,
किसी के मुस्कुराने
पर भी
ना मुस्कुरा पाना,
कितना कठिन होता
है ना ?
किसी का छूना
भी
अनछुआ-सा लगना,
आँखों में तमाम आँसू
होने पर भी,
हँसने की नाकाम
कोशिश करना,
ये सब कुछ
समुन्दर के
एक छोर का
दूसरे छोर से
मिलने-सा
लगता है ना ?
द्वारा - नीरज 'थिंकर'
है ना ?
किसी का पास होकर
भी
पास ना होना,
किसी के मुस्कुराने
पर भी
ना मुस्कुरा पाना,
कितना कठिन होता
है ना ?
किसी का छूना
भी
अनछुआ-सा लगना,
आँखों में तमाम आँसू
होने पर भी,
हँसने की नाकाम
कोशिश करना,
ये सब कुछ
समुन्दर के
एक छोर का
दूसरे छोर से
मिलने-सा
लगता है ना ?
द्वारा - नीरज 'थिंकर'
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