तेरी नींद में
अपनी नींद ढूंढ़
उसी में खो गया मैं,
तू सो रही थी
भले ही,
पर
तेरी बंद आँखों में भी
ओजसव उतना ही था,
हँसी उतनी ही
तन्मयता से चेहरे पर
खेल रही थी,
शरारत का भाव
उतना ही चंचल था
तु नींद में
अति मनोरम
लग रही थी !!
द्वारा - नीरज 'थिंकर '
अपनी नींद ढूंढ़
उसी में खो गया मैं,
तू सो रही थी
भले ही,
पर
तेरी बंद आँखों में भी
ओजसव उतना ही था,
हँसी उतनी ही
तन्मयता से चेहरे पर
खेल रही थी,
शरारत का भाव
उतना ही चंचल था
तु नींद में
अति मनोरम
लग रही थी !!
द्वारा - नीरज 'थिंकर '
No comments:
Post a Comment