Thursday 23 April 2020

तू मेरा संबल

दिनभर की तमाम
थकान के बाद
तेरा मिलना
और
मिलकर एक एहसास
भरकर चले जाना
सारी मानसिक उलझनों
को हवा में उड़ा देना
एक अच्छी नींद तो
देता ही है,
साथ ही
अगली सुबह
नई ऊर्जा के साथ
उठकर ,
नवीन विचारों को
गढ़ने की
ताक़त भी देता है,
तू सच में
संबल है मेरा  !!

द्वारा - नीरज 'थिंकर'


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