एक प्रेमी युगल
जिनकी रफ़्तार में
ख़ुद का जहाँ
बसाने की चाह है,
सामाजिक ढाँचे
के दायरे से
निकलकर उन्होंने
जीवनभर साथ रहना
जो चुना है,
वो सब्ज़ी मंडी में
अपने छोटी-सी रसोई
के लिए सब्ज़ियाँ ख़रीदने
आए है,
जितनी कर सकते है
बचत वो करते है,
फिर आपस में वो
कुछ फुसफुसातें है
शायद पैसों का
हिसाब लगा रहे थे,
और फिर अपनी राह
निकल जाते है ।
द्वारा - नीरज 'थिंकर'
जिनकी रफ़्तार में
ख़ुद का जहाँ
बसाने की चाह है,
सामाजिक ढाँचे
के दायरे से
निकलकर उन्होंने
जीवनभर साथ रहना
जो चुना है,
वो सब्ज़ी मंडी में
अपने छोटी-सी रसोई
के लिए सब्ज़ियाँ ख़रीदने
आए है,
जितनी कर सकते है
बचत वो करते है,
फिर आपस में वो
कुछ फुसफुसातें है
शायद पैसों का
हिसाब लगा रहे थे,
और फिर अपनी राह
निकल जाते है ।
द्वारा - नीरज 'थिंकर'
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