तुम्हारी ख़ूबसूरत आँखों से
रच लूँगा संसार नया,
जिसमें होंगे प्रेमी जोड़े
बाँहें फेलाए ,
नयें नज़ारे मैं गढ़ूँगा
तुम्हारी ज़ुल्फ़ों की
छांव में,
प्रेम गीत नए मैं लिखूँगा
तुम्हारी मीठी बातों से,
तुम्हारे मधुर होंठों से
एक एहसास नया
जब मिलेगा तो,
मधुता जीवन की सारी
न्योछावर तुम पर
मैं कर दूँगा ।
द्वारा - नीरज 'थिंकर'
रच लूँगा संसार नया,
जिसमें होंगे प्रेमी जोड़े
बाँहें फेलाए ,
नयें नज़ारे मैं गढ़ूँगा
तुम्हारी ज़ुल्फ़ों की
छांव में,
प्रेम गीत नए मैं लिखूँगा
तुम्हारी मीठी बातों से,
तुम्हारे मधुर होंठों से
एक एहसास नया
जब मिलेगा तो,
मधुता जीवन की सारी
न्योछावर तुम पर
मैं कर दूँगा ।
द्वारा - नीरज 'थिंकर'
No comments:
Post a Comment