Friday 3 April 2020

डर और प्यार

ये प्यार इतना डरा
हुआ क्यों है ?
इसको नज़र किसकी
लगी है ?
ये प्रेमी जोड़े किससे
बचते फिर रहे है ?
पग-पग पर ये
सहमते जाते
एकांत तलाशते
किससे भाग रहे है ?
ये प्यार को अब
हो क्या गया है ?
किसी की आहट मात्र से
क्यों कांप उठता है ?
क्यों कोई प्रेमी अब
अपनी प्रेमिका की
जुल्फ़े संवारने से डरता है ?
क्यों कोई माशूका अब
अपने प्रेमी के कर में कर डाल
निःसंकोच होकर नहीं चलती है ?
ये प्यार इतना डरा हुआ क्यों है -२

द्वारा - नीरज 'थिंकर'

No comments:

Post a Comment

क्या कहूँ मैं ?

क्या कहूँ मैं ? वो बात   जो   मैं कह न सका , वो बात   जो   वो भूल गयी , वो रात   जो   बीत गयी , वो नींद   जो   खुल...