सूर्य जब डूबता है
समन्दर में धीरे -धीरे
और
उसकी आभा भी
जब हल्के मनोरम रंग
को बिखेरते हुए डूबती है
संग उसके,
तो
फिर यें दिल भला
क्यूँ ना बहेले
क्यूँ ना डूबे संग उसके
उसकी खूबसूरती में
समाहित होने को
क्यूँ ना तरंगित होवे !!
द्वारा - नीरज 'थिंकर'
समन्दर में धीरे -धीरे
और
उसकी आभा भी
जब हल्के मनोरम रंग
को बिखेरते हुए डूबती है
संग उसके,
तो
फिर यें दिल भला
क्यूँ ना बहेले
क्यूँ ना डूबे संग उसके
उसकी खूबसूरती में
समाहित होने को
क्यूँ ना तरंगित होवे !!
द्वारा - नीरज 'थिंकर'
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