दो प्रेमी
अनजान-से
अनजाने शहर में
यूँ आ मिले अचानक
कि
लगा
धरती आ मिली
हो आसमां से,
पास आ अनजानी-सी
जब वो बैठी पास मेरे
ख़ुश्बू उसकी मुझमें
यूँ गुली कि
मैं स्तब्ध हो
रुका का रुका
रह गया !!
द्वारा -नीरज 'थिंकर'
अनजान-से
अनजाने शहर में
यूँ आ मिले अचानक
कि
लगा
धरती आ मिली
हो आसमां से,
पास आ अनजानी-सी
जब वो बैठी पास मेरे
ख़ुश्बू उसकी मुझमें
यूँ गुली कि
मैं स्तब्ध हो
रुका का रुका
रह गया !!
द्वारा -नीरज 'थिंकर'
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