तमाम उलझनो में उलझ
फिर से निकल
जब कोई शेष
रह जाता है
तो उसके साथ
क्या होता है?
ये और कोई नहीं
सिर्फ़ वो जानता है ,
तमाम तरह की फबतियों
को झेल,
हर तरह की परेशानीयों
का निकाल हल
जब कोई
नीड़ का निर्माण
फिर से
करना चाहता है
तो
कौन आगे आता है
साथ देने उसका ?
द्वारा - नीरज 'थिंकर'
फिर से निकल
जब कोई शेष
रह जाता है
तो उसके साथ
क्या होता है?
ये और कोई नहीं
सिर्फ़ वो जानता है ,
तमाम तरह की फबतियों
को झेल,
हर तरह की परेशानीयों
का निकाल हल
जब कोई
नीड़ का निर्माण
फिर से
करना चाहता है
तो
कौन आगे आता है
साथ देने उसका ?
द्वारा - नीरज 'थिंकर'
No comments:
Post a Comment