Sunday 19 April 2020

मैं एक कवि हूँ

मैं एक कवि हूँ
जो
बेहोश होकर लिखता
हूँ,
क्योंकि
मुझे मालूम है
ये सत्ता बेहोशी की
हालत में है,
और
इसको चलाने वाले
दवा पीकर बेहोश
हो गये है,
वो ही दवा इन्होने
जनता में भी
बाँट दी है
ताकि वो भी
इनकी तरह
सोच सके, बोल सके
और
जरुरत पड़ने पर
उस सोच को
जमीं पर उतार सके,
मैं बेहोश होता हूँ
फिर लिखता हूँ
ताकि
हकीक़त को ज्यों का त्यों
देख सकूँ
और फिर उसे लिख सकूँ !!

द्वारा- नीरज 'थिंकर' 

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